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Important Questions for All sanskrit Exams : सभी परीक्षाओं के लिए संस्कृत के विशेष प्रश्न

Important Questions for All Sanskrit Exams : सभी परीक्षाओं के लिए संस्कृत के विशेष प्रश्न
Important For TGT, PGT, PRt, REET, CTET, UPTET, HTET, RPSC, UPSC, IAS.

-बाण, सुबन्धु और कविराज को वक्रोक्ति निपुण कहा जाता है। यह उपमा स्वयं कविराज ने ही दी है। तीनों गद्य कवि हैं।
-हर्ष चरित में राजश्री को दिवाकर मिश्र उपदेश देता है।
-कादम्बरी जाबाली द्वारा वर्णित कथा है।
-पांचाली रीति में शब्द और अर्थ दोनों को महत्व दिया जाता है।
-गौडी रीति आडम्बरपूर्ण रीति कहलाती है। इसमें अलंकारिक शब्दों का उपयोग अधिक होता है।
-नैषधीय चरित में कलि ऋषि ने देवताओं को चार्वक सिद्धांत या नास्तिकवाद का उपदेश दिया था।
-श्रीहर्ष ने अपने काव्य नैषधीय चरित को शृंगारमृतशीतगु: कहा है।
-महाकवि माघ की मृत्यु पादाशोथ रोग के कारण हुई थी।
-शिशुपालवध में श्रीकृष्ण के सारथी का नाम दारूक है। रैवतक पर्वत का वर्णन भी शिशुपाल वध में आता है।
-ऋतुसंहार गं्रथ को अप्रचारतमोमग्ना कहा गया है।
-शाकुन्तल में इन्द्र के सारथी का नाम मातलि है।
-विक्रमोर्वशीयम में विदूषक का नाम माणवक है।
-मालविकाग्निमित्रम में विदूषक का नाम गौतम है।
-रघुवंश में रामायण को कवि प्रथम पद्धति कहा गया है।
-बुधचरित का चीनी अनुवाद फो-शो-हिंग-त्सन-किंग ने किया था।
-बुधचरित संस्कृत व नेपाली भाषा में लिखी गई है। संस्कृत में 1 से  लेकर 14वें सर्ग तक और उसके बाद 15वें सर्ग से 28 वें सर्ग तक नेपाली भाषा में लिखी गई है।
-वर्तमान में महाभारत में 1923 अध्याय और 96244 श्लोक मिलते हैं।
-शिव व विष्णु सहस्त्रनामस्रोत महाभारत के अनुशासन पर्व से लिए गए हैं।

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