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Modern poet of sanskrit : संस्कृत के अर्वाचीन कवि

Modern poet of sanskrit : संस्कृत के अर्वाचीन कवि


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भट्ट मथुरानाथ शास्त्री


भट्टा मथुरानाथ शास्त्री का जन्म जयपुर में 1889 में हुआ था औ उनकी मृत्यु 1964 में हुई। इन्हें कवि शिरोमणी और कवि सार्वभौम भी कहा जाता है। इनके पिता का नाम द्वारकानाथ भट्ट और माता का नाम था जानकी देवी।
कलानाथा शास्त्री इनके पुत्र थे और वे भी आधुनिक कवियों में प्रथम पंक्ति के कवि थे। प्रत्येक वर्ष भट्ट मथुरानाथा शास्त्री के नाम पर एक पुरस्कार भी दिया जाता है।

प्रमुख कृतियां

भट्टा मथुरानाथा शास्त्री की प्रमुख कृतियों में मंजुनाथ नामक काव्य बहुत प्रसिद्ध है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्होंने इस काव्य में ब्रज भाषा के कवित्त और सैवयों का प्रयोग किया है।
इसके अलावा इनका दूसरा ग्रंथ जो प्रसिद्ध है उसका नाम मंजुकवितानिकुंज है। मथुरानाथ शास्त्री ने कुल चार वैभव ग्र्रंथ लिखे हैं। जिनके नाम इस प्रकार हैं:-
1 जयपुर वैभव
2 साहित्य वैभव
3 गोविन्द वैभव
4 भारत वैभव
-इन में से जयपुर वैभव, साहित्य वैभव और गोविन्द वैभव को मंजुकवितानिकुंज में शामिल किया गया है।
-ये जयपुर से प्रकाशित संस्कृत रत्नाकर के प्रथम संपादक (1904 से 1949 तक) भी रहे हैं।
-इसके अलावा इन्होंने भारती पत्रिका का संपादन (1954 से 1956 तक) भी किया है।

रचनाएं

चार वैभव ग्रंथ :-

1 जयपुर वैभव
2 साहित्य वैभव
3 गोविन्द वैभव
4 भारत वैभव

उपन्यास :-

1 आदर्श रमाणी
2 मानसिंह

टीका ग्रंथ :-

1 रसगंगाधर टीका
2 कादम्बरी टीका

वाटिका ग्रंथ :-

1 साहित्य कुसुम वाटिका
2 विनोद वाटिका
3 समुच्य ग्रंथ :-

4 गाथारत्न समुच्य

देवर्षि कलानाथ शास्त्री

-कलानाथ शास्त्री मथुरानाथ शास्त्री के पुत्र थे और इनका जन्म भी जयपुर में ही 1936 में हुआ था।
-ये राजस्थान संस्कृत ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष (1995 से 1998 तक) रहे थे।
-वर्ष 2012 में इन्हें राजस्थान सरकार ने संस्कृत साधना शिखर सम्मान देकर नवाजा।

प्रमुख रचनाएं:-

जीवनस्य पृष्ठ द्वयं :- यह इनका प्रसिद्ध उपन्यास है। जिसके दो पात्र राकेश और कल्पना हैं। राकेश शिक्षक है और कल्पना शिष्या है। दोनों विवाह कर लेते हैं। यह उपन्यास धारावाहिक के रूप में भारती पत्रिका में प्रकाशित हुआ था।

अन्य रचनाएं :-

1 रत्नावली
2 प्रबंध पारिजात
3 कथानकवल्ली
4 सुधीजनवृतम
5 नवरत्ननीति
6 गीर्वाणगिरागौरवम
7 विद्वज्जनचरितामृतम

रूपक :-


1 महाभिनिष्क्रमण
2 चित्तौडसिंह
3 प्रतापसिंह

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