Shrimad Bhagvat geeta and Important Questions : श्रीमद् भागवत गीता
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श्रीमद् भागवत गीता से संबंधित प्रमुख प्रश्न
-गीता महाभारत का ही अंग है और भीष्म पर्व से ली गई है। भीष्म पर्व गीता का छठां पर्व है।-भीष्म पर्व में गीता 25वें से 42वें अध्याय तक वर्णित है।
-गीता की रचना महर्षि वेदव्यास ने ही की है। क्योंकि ये ही महाभारत के रचयिता भी हैं।
-गाती में कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं।
-दार्शनिक श्री अरविन्दो ने गीता को महासंगीत कहा है।
-मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है।
गीता के अध्याय और उनमें श्लोकों की संख्या
1 अर्जुन विषाद योग -472 सांख्य योग -72
3 कर्म योग -43
4 ज्ञान कर्म सन्यास योग -42
5 कर्म सन्यास योग -29
6 आत्मसंयम योग -47
7 ज्ञानविज्ञान योग -30
8 अक्षरब्रह्म योग -38
9 राजविद्याराजगुह्ययोग -34
10 विभूति योग -42
11 विश्वरूप दर्शन योग -55
12 भक्ति योग -20
13 क्षेत्र क्षेत्रज्ञ विभाग योग -34
14 गुणत्रय विभाग योग -27
15 पुरुषोत्तम योग -20
16 दैवासुरसम्पद्विभागयोग -24
17 श्रद्धात्रय विभाग योग -28
18 मोक्ष सन्यास योग - 78
गाती के प्राचीन भाष्यकार
1 शंकराचार्य का अद्वैतपरक भाष्य:- यह ज्ञान योग से संबंधित है।2 रामानुजाचार्य-विशिष्टाद्वैत भाष्य
3 मधवाचार्य- द्वैतपरक भाष्य
4 निम्बार्काचार्य- द्वैताद्वैतपरक भाष्य
5 वल्लभाचार्य- शुद्धाद्वैत भाष्य
( 2 से 5 तक ये चारों भक्तियोग से संबंधित हैं )
6 चैतन्य महाप्रभु :- अचिन्त्यभेदाभेदवादपरक भाष्य
योग त्रयी
1 ज्ञान योग2 भक्ति योग
3 कर्मयोग
गुण त्रयी
1 सत्व :- श्वेत
2 रजस :- लाल
3 तमस :- काला
गीता में प्रयुक्त प्रमुख शंख और शंख वादक
योद्धा -शंख का नाम
अर्जुन - देवदत्तभीम - पौण्ड्र
नकुल - सुघोष
कृष्ण - पांचजन्य
युधिश्ठिर - अनन्तविजय
सहदेव - मणिपुष्पक
-बाल गंगाधर तिलक कर्मयोग पर जोर देते थे।
-शंकराचार्य ज्ञान योग पर जोर देते थे।
-रामानुजाचार्य, मधवाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभाचार्य भक्ति योग पर जोर देते थे।
-महात्मागांधी अनासक्ति योग पर जोर देते थे।
-ज्ञानेश्वर पातंजलयोग पर जोर देते थे।
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